पुनर्वास क्या है?- अर्थ, परिभाषा, लक्ष्य, प्रक्रिया

पुनर्वास क्या है?- अर्थ, परिभाषा, लक्ष्य, प्रक्रिया| Rehabilitation Meaning, Definition, Aims & Objectives, Process In Hindi Notes PDF MA Psychology Notes 
Authored by- Dr. Sunita Rani

पुनर्वास क्या है?

पुनर्वास वह प्रक्रिया है, जो दैनिक जीवन के कामों में आवश्यक क्षमताओं को वापस पाने रखने या सुधारने में मदद कर सकती है। ये क्षमतायें शारीरिक, मानसिक और या संज्ञानात्मक (सोच और सीखने) हो सकती है किसी बीमारी या चोट के कारण या मेडिकल उपचार के खराब असर के कारण इनमें कमी आ सकती है। पुनर्वास से इन समस्याओं से उत्पन्न परेशानियों से व्यक्ति के दैनिक व्यवसायिक जीवन में सुधार आ सकता है।

पुनर्वास की आवश्यकता उस समय होती है जब एक व्यक्ति को उम्र बढ़ने या स्वास्थ्य की स्थिति के कारण रोजमर्रा के काम काज करने में कठिनाई या सीमाओं का अनुभव हो रहा हो, या होने की सम्भावना हो। इसमें पुरानी बीमारी विकार या आघात भी शामिल है कामकाज में सीमाओं के उदाहरण में सोचने, देखने, सुनने, संचार घूमने, रिश्ते रखने, या नौकरी करने में कठिनाई हो सकती है। पुनर्वास सभी उम्र के व्यक्तियों को उनके दैनिक जीवन की गतिविधियों को बनाए रखने या वापस करने, सार्थक जीवन भूमिकाओं को पूरा करने और खुद के कल्याण को अधिकतम करने में सक्षम बनाता है।

पुनर्वास की परिभाषा –

विश्व स्वास्थ्य संगठन (2011) के अनुसार, ‘‘पुनर्वास को उन उपायों का एक समूह के रूप में परिभाषित किया गया है, जिससे उन व्यक्तियों की मदद की जाती है, जो विकलांगता का अनुभव करते हैं या उन्हें विकलांगता होने की सम्भावना है, जिससे वो अपने वातावरण में पारस्परिक क्रिया करते समय अधिकतम कार्यात्मकता को प्राप्त करें और इसे बनाए रखें’’।

‘‘कारावास, व्यसन या बीमारी के बाद प्रशिक्षण और चिकित्सा के माध्यम से किसी को स्वास्थय या सामान्य जीवन में पुनःस्थापित करने की प्रक्रिया पुनर्वास कहलाती है’’।

पुनर्वास एक व्यक्ति केन्द्रित स्वास्थ्य रणनीति है जिसे या तो विशेष पुनर्वास कार्यक्रमों (आमतौर पर जटिल आवश्यकताओं वाले लोगों के लिए), या अन्य स्वास्थ्य कार्यक्रमों और सेवाओं में शामिल किया जाता है जैसे प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा, मानसिक स्वास्थ्य, देखने और सुनने सम्बन्धी कार्यक्रम।

पुनर्वास की जरूरत किसे हैं?

पुनर्वास उन लोगों के लिए है जो उन क्षमताओं को खो चुके है जिनकी उन्हें दैनिक जीवन के लिए आवश्यक है। सामान्य रूप से पुनर्वास की आवश्यकता के निम्न सामान्य कारण है।

–> जलने फ्रैक्चर (टूटी हुई हड्डियां) मस्तिष्क की चोट और रीढ़ की हड्डी में चोट
–> आघात (Trauma)
–> बड़ी सर्जरी
–> चिकित्सा उपचार के पश्चात् के खराब असर (Side Effect) जैसे कि कैंसर के उपचार से होने वाले असर
–> कुछ जन्म के समय के दोष और आनुवंशिक विकार
–> विकास असमर्थता
–> पुराना दर्द, इसमें पीठ और गर्दन का दर्द भी शामिल है

पुनर्वास के लक्ष्य क्या है?

पुनर्वास का समग्र लक्ष्य व्यक्ति को उसकी पहले वाली क्षमताओं को वापस पाने में मदद करना है, और स्वतंत्रता हासिल करवाना है। जिससे व्यक्ति व्यक्तिगत रूप से अपना जीवन जी सके। लेकिन प्रत्येक व्यक्ति के लिए विशिष्ट लक्ष्य अलग-अलग होते हैं। विशिष्ठ लक्ष्य इस बात पर निर्भर करते हैं कि समस्या किस कारण से हुई है क्या कारण चल रहा है या अस्थाई है कौन सी क्षमताएं खो गयी हैं, और कौन सी क्षमतायें अभी हैं और समस्या कितनी गम्भीर है। उदाहरण के लिए जिस व्यक्ति को स्ट्रोक हुआ है, उसे बिना मदद के कपड़े पहनने या स्नान करने अपने रोजमर्रा के काम करने के लिए पुनर्वास की आवश्यकता हो सकती है।

एक सक्रिय व्यक्ति जिसे दिल का दौरा पड़ा है, हृदय सम्बन्धी पुनर्वास के माध्यम से व्यायाम करने के लिए करने वापस जाने को कोशिश कर सकता है। फेफड़े की बीमारी से पीड़ित किसी व्यक्ति को फुसफसीय पुनर्वास प्राप्त हो सकता है जो बेहतर सांस लेने और उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने में सक्षम हो ।

पुनर्वास कार्यक्रम में क्या होता है?

  1. पुनर्वास कार्यक्रम को देने वाली विभिन्न स्वास्थ्य देखभाल प्रदाताओं की एक टीम होती है, जो व्यक्ति की मदद करते हैं। इस स्वास्थ्य देखभाल प्रदाताओं की टीम में निम्न व्यक्ति शामिल होते हैं-

(i) रोगी और उसका परिवार
(ii) मनोचिकित्सक
(iii) पुनर्वास नर्स
(iv) नैदानिक समाजिक कार्यकर्ता
(v) व्यवसायिक चिकित्सक
(vi) भौतिक चिकित्सक
(vii) वाक चिकित्सक
(viii) पुनर्वास मनोवैज्ञानिक
(ix) न्यूरो मनोवैज्ञानिक व अन्य
यह टीम रोगी की आवश्यकताओं लक्ष्यों और उपचार योजना बनाकर रोगी के साथ काम करता ही है। उपचार योजना या हस्तक्षेप योजना में उपचार के प्रकार शामिल हो सकते हैं।

  1. सहायक उपकरण जो उपकरण या उत्पाद जो विकलांग लोगों को स्थानांतरित करने और कार्य करने में सहायता करते हैं सहायक उपकरण कहलाते हैं। पुनर्वास कार्यक्रम में विकलांग व्यक्ति के कार्यों को सरल बनाने के लिए सहायक उपकरण प्रदान किये जाते हैं।
  2. संज्ञानात्मक पुनर्वास चिकित्सा रोगी को राहत देने या सोचने सीखने स्मृति, योजना बताने और निर्णय लेने जैसे कौशल में सुधार करने में मदद करती है।
  3. मानसिक स्वास्थ्य परामर्श
  4. अपनी भावनाओं को व्यक्त करने अपनी सोच को बेहतर बनाने और सामाजिक सम्बन्धों को विकसित करने में मदद करने के लिए संगीत या कला चिकित्सा का प्रयोग किया जाता है।
  5. पोषण सम्बन्धी परामर्श
  6. ताकत, गतिशीलता और फिटनेस में मदद करने के लिए भौतिक चिकित्सा
  7. कला और शिल्प, खेल, विश्राम प्रशिक्षण के माध्यम से अपनी भावनात्मक भलाई (Emotional Wellbeing) में सुधार के लिए मनोरंजन चिकित्सा
  8. बोलने समझने, पढ़ने, लिखने और भोजन निगलने में मदद करने के लिए वाक-भाषा चिकित्सा।
  9. दर्द का इलाज।
  10. विद्यालय या नौकरी पर काम करने के लिए कौशल निर्माण में मदद करने के लिए व्यवसायिक पुनर्वास। रोगी के आवश्यकताओं के आधार पर प्रदाताओं के कार्यालयों, अस्पताल, या रोगी पुनर्वास केन्द्र में पुनर्वास किया जा सकता है।
  11. यदि व्यक्ति अपने घर में रहता है तो पुनर्वास कार्य हेतु परिवार के सदस्यों या दोस्तों की आवश्यकता होगी जो व्यक्ति के पुनर्वास के लिए मदद कर सकते हैं

पुनर्वास प्रक्रिया को उन व्यक्तियों की मदद करने के लिए तैयार किया जाता है जिनके लिए उनके दैनिक कार्यकलाप करना मुश्किल होता है, उनकी अधिकतम कार्यात्मक क्षमता हासिल करने के लिए यह प्रक्रिया की जाती है। पुनर्वास समुदाय में या एक संस्थान या अस्पताल कार्यक्रय के माध्यम से आयोजित किया जा सकता है। पुनर्वास प्रक्रिया एक व्यापक उपचार है जिसमें एक बहु पेशेवर टीम शामिल है, पुनर्वास नर्सिंग स्टाफ, फिजियोथैरेपिस्ट व्यवसायिक चिकत्सक, वाक् चिकित्सक, मनोवैज्ञानिक एवं सामाजिक कार्यकर्ता,

पुनर्वास प्रक्रिया में सामान्यतः निम्न चरण शामिल होते है।

  1. पुनर्वास पूर्व मूल्यांकन :- इस चरण में रोगी बहु पेशेवर टीम के पास आता है और टीम पुनर्वास उद्देश्यों के निर्धारित करने के लिए प्रारम्भिक निदान और मूल्यांकन करती हैं रोगी की समस्या का समग्र मूल्यांकन किया जाता है। रोगी की मुख्य समस्याओं की पहचान की जाती है। समस्याओं को सही तरीके से परिभाषित किया जाता है। समस्या समाधान सम्बन्धी महत्वपूर्व कारकों पर भी ध्यान दिया जाता है। एक बीमारी या आघात के बाद अस्पताल में भर्ती रोगी का मूल्यांकन बृद्ध परिचर्या से सम्बन्धित या पूनर्वास विशेषज्ञ द्वारा किया जाता है इसमें स्वास्थ्य पेशेवर जैसे फिजियोथैरेपिस्ट या सामाजिक कार्यकर्ता से भी सलाह ली जाती है।
  2. पुनर्वास (हस्तक्षेप) :- पुनर्वास के हस्तक्षेप में चिकित्सा निगरानी (Medical Monitoring) और जोखिमों को संतुलित करने और जटिलताओं को रोकने के लिए एक संरंक्षित चिकित्सा कार्यक्रम होता है। आवश्यकतानुसार चिकित्सा व्यवसायिक शारीरिक वाक् और /या अन्य। समय-समय पर रोगी की प्रगति का मूल्यांकन किया जाता है। यह – समुदाय में इसकी वापसी को आसान बनाता है। इस प्रक्रिया के दौरान बहुपेशेवर टीम रोगी की प्रगति पर नजर रखती है और रोगी और उसके परिवार को घर पर अपेक्षित नयी जीवन शैली के लिए तैयार करने में मदद करती है। जो पुनर्वास के बाद रोगी की क्षमताओं के लिए उपयुक्त है।
  3. मूल्यांकन और निष्कर्ष :- पुनर्वास प्रक्रिया के मूल्यांकन और निष्कर्ष में आवश्यकतानुसार निरन्तर उपचार के लिए शिफारिश शामिल होती है। बहुपेशेवर टीम पुनर्वास के परिणामों का मूल्यांकन करती है, निरंतर उपचार के लिए परामर्श तैयार करती है और रोगी और उसके परिवार को रोगी की नयी जरूरतों के सम्बन्ध में निर्देश देती है। इस रिपोर्ट की एक प्रति रोगी को भी दी जाती है।
  4. रोगी को पुनर्वास के लिए अस्पताल या समुदाय में रेफर करना :- एक पुनर्वास विशेषज्ञ रोगी की आवश्यक निरन्तर देखभाल के प्रकार, साथ ही पुनर्वास के लिए उपयुक्त रूप रेखा की शिफारिश करता है। हालांकि स्वास्थ्य मंत्रालय में हाल ही में समुदाय या अस्पताल में रोगियों के पुनर्वास के लिए दिशानिर्देश निर्धारित किये हैं।
  • अस्पताल या संस्थान में पुनर्वास की आवश्यकता की स्थिति :-
    (i) जब रोगी को चिकित्सीय देखरेख और दीर्घ कालिक चिकित्सा ओर नर्सिंग देखभाल की आवश्यकता होती है।
    (ii) एक कार्यात्मक और/या मनो-सामाजिक स्थिति जिसमें रोगी को अस्पताल छोड़ने से पूर्व तैयारी की आवश्यकता हो। यह उस स्थिति में होता है जो रोगी के घर आने के बाद उसकी देखभाल करने के लिए कोई नहीं होता है।
    (iii) जब उपचार या हस्तक्षेप के लिए हमेशा विशेष उपकरण की आवश्यकता हो।
    (iv) आर्थोपेडिक उपचार जब रोगी लम्बे समय तक चल या खड़े न हो पायें।
    (v) जब रोगी में गम्भीर न्यूरोलॉजिकल क्षति हो।
    (vi) जब रोगी पूर्ण रूप से दूसरों पर निर्भर हो
    (vii) जब रोगी को समुदाय में पुनर्वास देना सम्भव न हो।

समुदाय में पुनर्वास –

समुदाय में निरन्तर पुनर्वास के लिए अस्पताल में छूटने के बाद समुदाय में जाने से पूर्व रोगी का प्रारम्भिक मूल्यांकन किया जाता है, जिसमें उपचार योजना बनाना शामिल है। यह मूल्यांकन पूनर्वास सेवा दे रहे स्टाफ द्वारा किया जाता है।
–> समुदाय में तीन प्रकार का पुनर्वास होता है।
(i) अस्पताल की सुविधा से एम्बूलेटरी पुनर्वास – उन व्यक्तियों के लिए जिन्हें तीन या अधिक प्रकार के उपचारों की आवश्यकता हेती है।
(ii) समुदायिक संस्थान में पुनर्वास – उन व्यक्तियों के लिए जिन्हें एक प्रकार के उपचार की आवश्यकता होती है।
(iii) घर पर पुनर्वास – उन व्यक्तियों के लिए जो अपनी कार्यात्मक स्थिति के कारण सामुदायिक सुविधा में असमर्थ हैं।

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